भारत की महिलाएं सऊदी अरब की महिलाओं की सहायता करें
सऊदी अरब में 1982 में गार्जियनशिप सिस्टम लागू होने के कारण से सऊदी अरब की महिलाओं को आज बहुत दयनीय और पीड़ादायक स्थिति है । क्योंकि अगर किसी महिला को बैंक में अकाउंट खुलवाना है अपना पासपोर्ट बनवाना है विदेश की यात्रा करना है यहां तक कि कोई व्यवसाय प्रारंभ करना है तो किसी न किसी पुरुष की सहमति लेना आवश्यक है । पुरुष अपना भाई अपना बेटा पिता पति कोई भी हो सकता है ।
जैसा कि हम जानते हैं सऊदी अरब में 2015 में वोट देने का अधिकार महिलाओं को दिया तो 2018 में गाड़ी चलाने और मैच देखने की अनुमति प्रदान की जो काफी नहीं हैं।
धार्मिक सामाजिक बंधन को समाप्त करने के लिए 2016 में शाही कोर्ट में 16000 महिलाओं ने आवेदन पर हस्ताक्षर करके महिलाओं की स्वतंत्रता की मांग की किंतु राजशाही परिवार यह सब उन्हें स्वतंत्रता देने से मना कर रहा है । समाज एक दिन वहां राजसत्ता राजशाही के खिलाफ खड़े हो जाएं इस डर से उन्हें बंधक बना कर रखा जा रहा है ।
सऊदी अरब की आबादी 3.2 करोड़ है । दिल्ली से मात्र 5000 किलोमीटर दूर है इंटरनेट के इस युग में फेसबुक टि्वटर युटुब इंस्टाग्राम आदि के माध्यम से वहां रह रही महिलाओं का सहायता घर बैठे हम सब कर सकते हैं ।भारतीय महिलाओं की भूमिका उनको शिक्षित करने में उनसे संवाद करने में उनका साहस और उत्साह बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है । यह समय की मांग है यह मानवता की रक्षा की मांग है ।
क्या ऐसा कोई संगठन है जिसके माध्यम से भारतीय महिलायें सऊदी अरब की महिलाओं से संपर्क कर सकें।
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