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मुकेश सहनी के पिता की नृशंस हत्या के पीछे की क्रोनोलॉजी।

मुकेश सहनी के पिता की नृशंस हत्या के पीछे की क्रोनोलॉजी। बिहार का मिथिला क्षेत्र आदि काल से सनातन धर्म और समाज व्यवस्था को पोषण प्रदान करनेवाला क्षेत्र रहा है। एक तरह से इसे अवध तथा बंगाल के बीच के ऐसे क्षेत्र के रूप में देख सकते हैं जिसने भूतकाल की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सनातन धर्म ध्वज को अविचल तथा संतुलित बनाए रखा। परंतु बीते दशकों में स्थिति-परिस्थिति बदल चुकी है। साठ-सत्तर के दशक में कांग्रेसी सरकारों द्वारा सायास बांग्लादेश की खुली सीमा से मुसलमानों को अवैध तरीके से मिथिला क्षेत्र के विभिन्न जिलों में बसाना शुरू किया गया। मंडल के नाम पर अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने वाले लोगों ने भी सामाजिक न्याय के छद्मवेश के भीतर इन बांग्लादेशी मुसलमानों को अपने पाले में बनाए रखा। ऐसे राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा मुसलमानों को बहुसंख्यक हिन्दू समाज का डर भी लगातार दिखाया जाता रहा। इस तथाकथित डर को खत्म करने का एकमात्र उपाय था वैध-अवैध तरीके से अपनी संख्या को बढ़ाना और उस बढ़ती संख्या को सुनियोजित तरीके से विभिन्न क्षेत्र-अंचलों तक विस्तार भी देना। आप ध्यान से सोचेंगे तो पिछले बीस-तीस वर्...

पंच परिवर्तन में समाज की भूमिका समाचारपत्र में प्रकाशित

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Share विद्वत् समागम, दरभंगा । विषय : पंच परिवर्तन में समाज की भूमिका। दिनांक - 23 मई 2024 दिन - गुरुवार।   आज प्रातः किरण यूनीवार्ता दैनिक भास्कर  प्रभात खबर  जागृत टाइम्स राष्ट्रीय सहारा  1.देखने के लिए लिंक क्लिक करें:-  5 मिनट 15 सेकंड पर राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित विद्वत समागम समारोह का समाचार है। 2. समाचार देखें जनहित न्यूज़ दरभंगा दरभंगा, बिहार 3.दरभंगा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने किया ‘विद्वत् समागम’ का आयोजन  समाचार क्लिक कीजिए।

पंच परिवर्तन में समाज की भूमिका

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विद्वत् समागम, दरभंगा । विषय : पंच परिवर्तन में समाज की भूमिका।  दिनांक- 23 मई 2024 दिन - गुरुवार।   राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विद्वत् समागम का आयोजन महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह महाविद्यालय के सभागार में किया गया।  विद्वज्जनों के बीच पंच परिवर्तन के माध्यम से समर्थ, सशक्त, उन्नत, अनुशासित एवं आदर्श राष्ट्र की परिकल्पना करने हेतु चिंतन करने एवं देश के अंतिम व्यक्ति तक इन बातों को कैसे पहुंचाया जाय तथा व्यवहार में लाया जाए इसको लेकर चिंतन व विमर्श हेतु आयोजित इस गोष्ठी में सैकड़ों विद्वान शामिल हुए ।  इस विमर्श कार्यक्रम में विषय प्रवेश कराते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक श्रीमान रवि शंकर जी ने बताया कि इस वर्ष की प्रतिनिधि सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संघटनात्मक दृष्टि और सामाजिक दृष्टि से इन दो बिंदुओं पर कार्य करने की अभिलाषा व्यक्त की गई है। जिसमें सामाजिक दृष्टि के अंदर पंच परिवर्तन के द्वारा समाज की सज्जन शक्ति और विभिन्न संस्थाओं को एक साथ प्रयास करते हुए पांच परिवर्तन को राष्ट्रीय विमर्श का विषय बनाने की अनुशंसा की गई थी। प्रथमत: सं...

*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : जानिए क्या है संघ शिक्षा वर्ग और कब हुई इसकी शुरुआत*

संघ शिक्षा वर्ग की शुरुआत 1927 में नागपुर में हुई थी। उस दौरान यह तीन सप्ताह तक चले थे और इन्हें ग्रीष्मकालीन वर्ग कहा गया। फिर कुछ सालों बाद इनका नाम ‘अधिकारी शिक्षा वर्ग’ हो गया। बाद में वर्ष 1950 में इन वर्गों को ‘संघ शिक्षा वर्ग’ के नाम से जाना जाने लगा। कई वर्षों तक प्रारंभिक व्यवस्था में भोजन आसपास के घरों से आता था और स्थानीय पाठशालाओं में शिक्षार्थियों का निवास रहता था। जैसे नागपुर के लोकांचीशाला, धनवटे नगर विद्यालय (मिल सिटी स्कूल – तत्कालीन नाम) और न्यू इंग्लिश स्कूल के भवन। यह सभी निशुल्क उपलब्ध होते थे। इसके अलावा वर्गों के दौरान चिकित्सा, बिजली, जल इत्यादि के खर्चों के लिए वर्ग में शामिल शिक्षार्थियों से शुल्क भी लिया जाता था। इन वर्गों की सफलता के लिए डॉ. हेडगेवार को अन्ना सोहनी और मार्तंडराव जोग का सहयोग मिला। शुरुआती वर्गों में शारीरिक कार्यक्रम समाप्त होने पर डॉ. हेडगेवार वर्ग में आये सभी स्वयंसेवकों को चिटणीसपुरा की एक बावड़ी पर तैरने के लिए ले जाया करते थे। आगे चलकर संख्या बढ़ने पर बावड़ी पर जाना बंद हो गया। 1939 के आसपास यह वर्ग हेडगेवार स्मृति मंदिर रेशमबाग, नागपुर मे...

मुख्य शिक्षक वर्ग न्यु हाफ लाॅंग, असम यात्रा।

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अवध असम एक्सप्रेस  गंतव्य की ओर बढ़ते रेलगाड़ी के कहीं 2 कहीं 5 कहीं 10 मिनट के अल्प विराम का यात्रा वृतांत .....  तीन क्षेत्र के 12 प्रांत, उत्तर बंग,मध्य बंग, दक्षिण बंग,पूर्वी उड़ीसा, पश्चिम उडीसा ,अरुणाचल, मणिपुर, उत्तर आसाम, दक्षिण आसाम उत्तर बिहार, दक्षिण बिहार, झारखंड, में लगने वाले संघ शिक्षा वर्ग में रहने वाले मुख्य शिक्षको का वर्ग हेतु न्यू हांफलांग की ओर समस्तीपुर से ट्रेन खुलने से पूर्व  समस्तीपुर में समस्तीपुर के स्वयंसेवकों द्वारा सभी लोगों का घर से बना कर चाय एवं बिस्किट के द्वारा स्वागत अभिनंदन मिलन कार्यक्रम।तत्पश्चात बेगूसराय के स्वयंसेवकों के द्वारा मिलन एवं भोजन सामग्री के साथ स्वागत अभिनंदन मिलन का कार्यक्रम।  खगड़िया में स्वयंसेवकों द्वारा मिलन अल्पाहार एवं स्वागत अभिनंदन का कार्यक्रम । कटिहार में माननीय सह जिला संघचालक सेवा प्रमुख एवं अन्य स्वयंसेवकों के द्वारा जिसमें विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी थे भोजन , जल की उपलब्धता एवं स्वागत अभिनंदन मिलन का कार्यक्रम यात्री विवरण क्षेत्र शारीरिक प्रमुख -श्री मनोज जी प्रांत शारीरिक प्रमुख -श्री दुश्...