मुकेश सहनी के पिता की नृशंस हत्या के पीछे की क्रोनोलॉजी।
मुकेश सहनी के पिता की नृशंस हत्या के पीछे की क्रोनोलॉजी। बिहार का मिथिला क्षेत्र आदि काल से सनातन धर्म और समाज व्यवस्था को पोषण प्रदान करनेवाला क्षेत्र रहा है। एक तरह से इसे अवध तथा बंगाल के बीच के ऐसे क्षेत्र के रूप में देख सकते हैं जिसने भूतकाल की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सनातन धर्म ध्वज को अविचल तथा संतुलित बनाए रखा। परंतु बीते दशकों में स्थिति-परिस्थिति बदल चुकी है। साठ-सत्तर के दशक में कांग्रेसी सरकारों द्वारा सायास बांग्लादेश की खुली सीमा से मुसलमानों को अवैध तरीके से मिथिला क्षेत्र के विभिन्न जिलों में बसाना शुरू किया गया। मंडल के नाम पर अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने वाले लोगों ने भी सामाजिक न्याय के छद्मवेश के भीतर इन बांग्लादेशी मुसलमानों को अपने पाले में बनाए रखा। ऐसे राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा मुसलमानों को बहुसंख्यक हिन्दू समाज का डर भी लगातार दिखाया जाता रहा। इस तथाकथित डर को खत्म करने का एकमात्र उपाय था वैध-अवैध तरीके से अपनी संख्या को बढ़ाना और उस बढ़ती संख्या को सुनियोजित तरीके से विभिन्न क्षेत्र-अंचलों तक विस्तार भी देना। आप ध्यान से सोचेंगे तो पिछले बीस-तीस वर्...