गृह में वीरता और रणक्षेत्र में सटक सीताराम।
केतकी सिंह ने ग़लत किया। Share बिना ट्रेनिंग दिए ट्रेनर बना कर फील्ड में उतार देने से यही परिणाम मिलता है। परंतु केतकी सिंह से पाग की रक्षा हो गई हो तो कृपया इधर ध्यान देंगे- १. झंझारपुर में चौपाल तरुण की नृशंस हत्या मुसलमानों द्वारा कर दी जाती है। २. अलीनगर में ही यादव बच्ची को मुसलमान उठा ले जाता है। ३. हरलाखी में विवाहित दलित युवती का मुसलमानों द्वारा मान मर्दन होता है। ४. दरभंगा सदर में राम बारात पर मुसलमानी भीड़ द्वारा पत्थरबाजी होती है। ५. बेनीपट्टी में मुसलमान ता-जबरदस्ती हिन्दू घर में घुस जाता है। https://www.facebook.com/share/r/1CZz69Zipx/ कितने गिनाऊँ! इन घटनाओं के समय मिथिला का मान, मिथिला का सम्मान, मिथिला की प्रतिष्ठा, मिथिला का पाग जब उछाला जा रहा होता है तब हमलोग कहाँ सोए रहते हैं! उन परिस्थितियों में हमें साँप क्यों सूंघ लेता है, तब हम रण में उतरने को प्रस्तुत क्यों नहीं होते? इस पर भी थोड़ा सोचा जाए देवियों और सज्जनों। अपने भीतर की कुंठा से बाहर निकलेंगे तो आँखों के उपर हीनता बोध का जो पर्दा पड़ा है वह हटेगा और देख पाएंगे कि शत्रुदल किस तैयारी में है! स्वयं को स्...