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Showing posts from October, 2025

गृह में वीरता और रणक्षेत्र में सटक सीताराम।

केतकी सिंह ने ग़लत किया।  Share बिना ट्रेनिंग दिए ट्रेनर बना कर फील्ड में उतार देने से यही परिणाम मिलता है। परंतु केतकी सिंह से पाग की रक्षा हो गई हो तो कृपया इधर ध्यान देंगे- १. झंझारपुर में चौपाल तरुण की नृशंस हत्या मुसलमानों द्वारा कर दी जाती है। २. अलीनगर में ही यादव बच्ची को मुसलमान उठा ले जाता है। ३. हरलाखी में विवाहित दलित युवती का मुसलमानों द्वारा मान मर्दन होता है। ४. दरभंगा सदर में राम बारात पर मुसलमानी भीड़ द्वारा पत्थरबाजी होती है। ५. बेनीपट्टी में मुसलमान ता-जबरदस्ती हिन्दू घर में घुस जाता है। https://www.facebook.com/share/r/1CZz69Zipx/ कितने गिनाऊँ! इन घटनाओं के समय मिथिला का मान, मिथिला का सम्मान, मिथिला की प्रतिष्ठा, मिथिला का पाग जब उछाला जा रहा होता है तब हमलोग कहाँ सोए रहते हैं! उन परिस्थितियों में हमें साँप क्यों सूंघ लेता है, तब हम रण में उतरने को प्रस्तुत क्यों नहीं होते? इस पर भी थोड़ा सोचा जाए देवियों और सज्जनों। अपने भीतर की कुंठा से बाहर निकलेंगे तो आँखों के उपर हीनता बोध का जो पर्दा पड़ा है वह हटेगा और देख पाएंगे कि शत्रुदल किस तैयारी में है! स्वयं को स्...

मुग़ल काल में परिवार के सदस्यों की हत्याओं (जो बाप/भाई का नहीं हुआ वो हिंदू का कैसे होगा)

बाबर परिवार संघर्ष  शीर्षक: 🕌 "मुग़ल साम्राज्य की नींव और परिवार में खून का खेल – बाबर युग" विवरण: बाबर ने सत्ता के लिए अपने रिश्तेदारों को हटाया। उनके पुत्र हुमायूँ से संघर्षरत संबंध रहे। परिवार के अंदर अस्थिरता और अविश्वास की शुरुआत यहीं से हुई। 📜 मुख्य बात: मुग़ल वंश की सत्ता की नींव रिश्तों के ख़ून से सनी हुई थी। ⚔️ 2. हुमायूँ काल हत्या व संघर्ष  शीर्षक: 🕋 "हुमायूँ का संघर्ष – भाईयों से विश्वासघात और सत्ता की होड़" विवरण: हुमायूँ के भाइयों — कामरान, हिंदाल और अस्करी ने उनके विरुद्ध बगावत की। हुमायूँ को अपने ही भाइयों से जीवनभर संघर्ष करना पड़ा। अंततः परिवारिक बगावत ने हुमायूँ को निर्वासन में धकेल दिया। 📜 मुख्य बात: भाईयों की महत्वाकांक्षा ने हुमायूँ का साम्राज्य खो दिया। 👑 3. अकबर काल हत्या व साज़िश  शीर्षक: 🦚 "अकबर महान – लेकिन राजसत्ता के लिए रक्तपात से अछूता नहीं" विवरण: अकबर ने सत्ता स्थिर करने के लिए अपने चाचा-भतीजों को मृत्युदंड दिया। राजकुमार मिर्ज़ा हाकिम (भाई) के साथ टकराव। अंदरूनी विद्रोह को दबाने में अनेक परिवारजन मारे गए। 📜 मुख्य बात...

अनुसूचित जाति समूहों पर पॉलिटिकल इस्लाम के कारिंदों की कुदृष्टि रहती है।

आर्थिक तथा सामाजिक रूप से कमजोर तथा राजनीतिक रूप से परिधि पर रहनेवाले अनुसूचित जाति समूहों पर इस पॉलिटिकल इस्लाम के कारिंदों की कुदृष्टि रहती है।  Share कभी वामपंथियों द्वारा स्थापित झूठे ऐतिहासिक तथ्यों की चर्चा करते हुए इन्हें सांत्वना देकर तो कभी भारतीयता के उभार को पुनः सामंतवादी शक्तियों के रूप में परिभाषित कर यह पॉलिटिकल इस्लाम अनुसूचित जाति के हमारे बंधु-भगिनियों के मन-मस्तिष्क को प्रदूषित करता है। इस कार्य के लिए धन की व्यवस्था बड़े-बड़े धनी इस्लामी व्यक्तियों तथा समूहों के द्वारा की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुस्लिम बस्तियों में रात-रात भर चलने वाली मजलिसें तथा बैठकें पॉलिटिकल इस्लाम को प्रचार-प्रसार देने का एक प्रकल्प है। सकुचाया हिन्दू समाज ऐसी गतिविधियों को देखता है पर स्वभाववश इससे दृष्टि फेर लेता है। पॉलिटिकल इस्लाम के खतरे से बचने के लिए अभिव्यक्ति के ख़तरे उठाने होंगे। आपका तो नहीं जानता परंतु अपने क्षेत्र की रक्षा हेतु मैं तैयार हूँ। छोड़ेंगे नहीं जबतक तोड़ेंगे नहीं। आभार:- https://www.facebook.com/share/1A9KFWX3G9/